Ghazipur नारी के साथ जुडा होने से ही नर का महत्व है-साध्वी साधना
गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील के युसूफ पुर में स्थित मां महाकाली मंदिर पर आयोजित श्री राम कथा महा यज्ञ में उपस्थित श्रोताओं को राम कथा रूपी कथामृत का रसपान कराते हुए कथा व्यास साध्वी साधना जी ने कहा की
दाम्पत्य जीवन की मधुरता मे स्त्री और पुरुष दोनो का पुरा सहयोग रहता है लेकिन फिर भी नारियो का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है।
शास्त्रो मे नारी को गृहलक्ष्मी ,ब्रहमविद्या,रिधि सिद्धि,कामधेनु, श्रद्धा,पवित्रता,आदि कहा गया है। नारी के साथ जुडा होने से ही नर का महत्व है।
नारी हर रुप मे आदर करने योग्य है,नारी माता के रूप मे गौरवमयी जननी है,पत्नी के रूप मे सह
धर्मणि है,बहन के रुप मे भाई के मस्तक पर तिलक करके उन्हे गौरवान्वित करती है ,और पुत्री के रूप मे घर की शोभा है।
नारी हर रुप मे आदर करने योग्य है।
प्राचीन काल मे नारियो का बडा आदर था ,दुर्भाग्यवश मध्यकाल मे इसका शोषण हो गया
हमारी वीर जननी , वीर भगनी ,वीर पत्नी,वीर पुत्री केवल श्रंगार की कठपुतली बन कर रह गये जिसका परिणाम आज हमारे देश के सामने है।
आज कल लोग नारी को बडे हीन भाव से देख रहे है,गलत नजरिये से देख रहे है इसलिये आज हमारे देश मे बलत्कार की घटनाएं सुनाई दे रही है लेकिन प्राचीन काल मे नारियो को शक्ति स्वरूपा देवी कहा जाता था। अगर पुत्र को वीर कहा जाता तो पुत्री को भी वीरा कहा जाता था।।
इसलिये हम भी नारी का आदर करे।