Ghazipur ऋषि विश्वामित्र जी के साथ जब भगवान श्री राम चले तो देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की- साध्वी साधना जी


Ghazipur  ऋषि विश्वामित्र जी के साथ जब भगवान श्री राम चले तो देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की- साध्वी साधना जी

 गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद विकास खंड अंतर्गत माता महाकाली मंदिर यूसुफपुर में संगीतमय श्री राम कथा अमृत वर्षा का समापन होने जा रहा है। इसके साथ ही यह बताते चलें कि कल सायं काल इस रामकथा के अंतर्गत विश्वामित्र और भगवान श्री राम के संबंध में साध्वी साधना जी ने बताया। जब विश्वामित्र जी भगवान से रिश्ता बनाने के लिए सोचने लगे और यह भी सोचे कि हमें भी भगवान से रिश्ता बना लेना चाहिए जो हमारी इच्छा से हो। हम वही भगवान को बनाएंगे जो अगर हमारी इच्छा है। भगवान को पिता बनाना हो तो भगवान को अपना पिता बना लें। गुरु बना ले ,भाई बना ले, मित्र बना लें, जो इच्छा है वह भगवान को बना लें। अगर हम भगवान को कुछ नहीं बना सकते तो कम से कम भगवान को अपना शत्रु बना ले तो भी हमारा ही कल्याण होगा।ग एक व्यक्ति ने एक संत से कहा कि मैं आपके रामजी से न तो दोस्ती करता हूं न ही दुश्मनी। तो संत ने कहा कि अब तो तुम अब अभागे हो। तुमसे अच्छा रावण था ।तुमसे अच्छा कंस था। जिसने शत्रुता करके भी अपना कल्याण कर लिया। कहने का भाव है कि हमे भगवान से उदासीन नहीं रहना चाहिए। प्रभु से रिश्ता जरूर बनाना चाहिए। अतः इस कथा के साथ ही आज 12 नवंबर रविवार को सातवें दिन राम विवाह का आयोजन माता महाकाली मंदिर पर किया गया है। आज ही इस विवाह के पश्चात राम कथा का समापन होगा और भंडारा 

का आयोजन होगा। बताते चलें कि इसके अंतर्गत बड़े दूर-दूर से साधु संत यहां पधारे हैं और यहां भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर माता का आशीर्वाद लेंगे।

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