Ghazipur सफेद बालू व भस्सी से बनकर तैयार हुआ पंचायत भवन
पंचायत भवन के नींव में हुआ गाजीपुर
सफेद बालू व भस्सी से बनकर तैयार हुआ पंचायत भवन
पंचायत भवन के नींव में हुआ पुराने ईटो का प्रयोग
ग्राम प्रधान व सचिव ने आदेश की उड़ाई धज्जियां
गाजीपुर। करंडा ब्लाक के भवानीपुर उर्फ तिवारीपुर ग्राम सभा में ग्राम पंचायत सचिवालय का मानक विहीन निर्माण कार्य धड़ल्ले से हो रहा है जिसे देखते हुए भी ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं,बीडीओ करंडा की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है
ग्राम प्रधान करूणानिधि यादव ग्राम पंचायत सचिवालय में भस्सी डालकर धड़ल्ले से मानक विहीन निर्माण कार्य कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो पंचायत भवन के नींव में पुराने ईंटों का प्रयोग किया गया है।
सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिवालय के निर्माण में लाखों रूपए खर्च कर रही है जिससे ग्राम पंचायतों का समुचित विकास हो सके।
मगर ग्राम प्रधान व सचिव अपनी खाऊ कमाऊ नीति के चलते पंचायत भवन का मानक विहीन निर्माण करवा कर इतिश्री करने का प्रयास कर रहे हैं, और अपनी जेबे भरने पर तुले हुए हैं।
सीडीओ ने दिया था जांच का आदेश-
इस संबंध में सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने खंड विकास अधिकारी गिरीश चंद्र सिंह को जांच का आदेश दिया था लेकिन जांच भी ठंडे बस्ते में चला गया इससे साफ जाहिर होता है कि बीडीओ करंडा की भी भ्रष्टाचार में भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। ईटो का प्रयोग
ग्राम प्रधान व सचिव ने आदेश की उड़ाई धज्जियां
गाजीपुर। करंडा ब्लाक के भवानीपुर उर्फ तिवारीपुर ग्राम सभा में ग्राम पंचायत सचिवालय का मानक विहीन निर्माण कार्य धड़ल्ले से हो रहा है जिसे देखते हुए भी ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं,बीडीओ करंडा की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है
ग्राम प्रधान करूणानिधि यादव ग्राम पंचायत सचिवालय में भस्सी डालकर धड़ल्ले से मानक विहीन निर्माण कार्य कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो पंचायत भवन के नींव में पुराने ईंटों का प्रयोग किया गया है।
सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिवालय के निर्माण में लाखों रूपए खर्च कर रही है जिससे ग्राम पंचायतों का समुचित विकास हो सके।
मगर ग्राम प्रधान व सचिव अपनी खाऊ कमाऊ नीति के चलते पंचायत भवन का मानक विहीन निर्माण करवा कर इतिश्री करने का प्रयास कर रहे हैं, और अपनी जेबे भरने पर तुले हुए हैं।
सीडीओ ने दिया था जांच का आदेश-
इस संबंध में सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने खंड विकास अधिकारी गिरीश चंद्र सिंह को जांच का आदेश दिया था लेकिन जांच भी ठंडे बस्ते में चला गया इससे साफ जाहिर होता है कि बीडीओ करंडा की भी भ्रष्टाचार में भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।