बाराचंवर-गाजीपुर जनपद के प्राचीनतम राम लीला समिति में से एक प्रमुख रामलीला समिति करीमुद्दीनपुर के कान्ति कला के भव्य मंच पर लक्ष्मण शक्ति और कुम्भकर्ण बध का बहुत ही मार्मिक ढंग से मंचन पात्रों के द्वारा किया गया।
हनुमान-रावण कुंभकर्ण संवाद का बहुत ही जीवन्त अभिनय प्रस्तुत कर पात्रों ने दर्शको को तालियां बजाने को विवश कर दिया। लक्ष्मण मेघनाद संवाद, राम विलाप, हनुमान रावण.अंगद रावण संबाद. रावण कुम्भकर्ण संवाद को उपस्थित दर्शको के द्वारा सराहा गया। राम के अभिनय में जयप्रकाश राय के द्वारा लक्ष्मण शक्ति के कारुणिक दृश्य का शानदार प्रस्तुतीकरण किया गया। हनुमान कालनेमी हनुमान भरत संवाद के पश्चात जब लक्ष्मण जी को लंका से लाये गये सुषेन बैद संजिवनी प्रदान करते है तो लक्ष्मण उठकर खड़े हो गये। यह समाचार लंका में मिलते ही लंकेश दरबारियों को कुंभकर्ण को जगाने का आदेश देते है। कुंभकर्ण को दरबारियों के द्वारा जगाने का प्रयास किया जाता है। भोजन मदिरा के पश्चात कुंभकर्ण को रावण का संदेश सुनाया जाता है। कुंभकर्ण रावण से मिलने दरबार में पहुंचता है और लंकेश का प्रणाम
करने के पश्चात अपने असमय जगाये जाने का कारण पूछता है तो रावण द्वारा सुर्पणखा से लेकर खर दूषण बध सीता हरण की जानकारी दी जाती है। तब कुंभकर्ण ने रावण को पितामह ब्रह्मा की बाते
याद दिलाई। सीता हरण की बात सुनकर उसने रावण को समझाने का प्रयास किया लेकिन अंत में रावण से गले लग कर कुभकर्ण यह कहते हुए की अगर
मै शाम तक राम लक्ष्मण के सिर को गेंद की तरह पैर से ठोकरे मारता हुवा युद्ध स्थल से लंका नहीं लौटता हूं तो आप जानकी को सम्मान के साथ श्रीराम को वापस कर दिजिएगा जिससे आप का कुल समूल नष्ट होने से बच जायेगा। कुंभकर्ण हनुमान संवाद एवम युद्ध और कुंभकर्ण विभिषण के बीच के संवाद पर उपस्थित सभी दर्शकों की आंखे नम हो गयी। कुम्भकर्ण का जीवन्त एवम शानदार अभिनय डा0 दिनेश चन्द्र राय, रावण उमेश चन्द्र राय, विभिषण का अभिनय जितेंद्र राय.भरत का अभिनय सिद्धांत राय एवम हनुमान का अभिनय बिनय राय के द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में संयोजक अनिल राय, ओंकार नाथ राय डायरेक्टर. डा दिनेश चन्द्र राय, सुनील कुमार राय प्रबंधक.अनिल राय. अश्वनी राय, कोषाध्यक्ष उमेश चन्द्र राय, डा सुबास ठाकुर अखिलेश चौरसिया, राजू पाण्डेय,महेश्वर पाण्डेय. हरेराम यादव, समेत सभी पात्र पदाधिकारी एवम दर्शक उपस्थित रहे।