विजयदसमी आतंकवाद पर आदर्शवाद का विजय दिवस है--फलाहारी बाबा

 



--विजयदसमी के दिन श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के मण्डप के पास यज्ञ का ध्वजा रोपड़ हुआ.

गाजीपुर--जनपद के बाराचवर गांव के रामलीलाला मैदान पर श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के पास यज्ञ का ध्वजा रोपड़ विजयदशमी के दिन अयोध्या से पधारे श्री श्री1008शिवरामदास ऊर्फ फलाहारी बाबा के सानिध्य मे सम्पन्न हुआ।इस दौरान दशहरा पर्व पर फलाहारी बाबा ने बोलते हुए कहा कि विजयदसमी आतंकवाद पर आदर्शवाद का विजय दिवस है,जो व्यक्ति को रूलाता है,दुख देता है।समाज उसको मरने के बाद भी छोड़ता नही जलाता रहता है।रावण का राज्य दबाव का था और श्री राम का राज्य प्रभाव का था,प्रभाव का ही राज्य स्थाई होता हैदबाव का नही।प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि परिवार मे समाज मे अपने प्रभाव से अपना एक आदर्श स्थापित करे जिसको समाज और राष्ट्र सहर्ष स्वीकार करे।आगे बाबा ने कहा कि दशहरा जीवन को सफल बनाने हेतु एक आधारशिला है। दुख, दारिद्र्य और कष्टों से छुटकारा मिलता है ।यज्ञ के धुए से वायु के हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं ।अग्निहोत्र से वायु , वृष्टि और जल की शुद्धि होकर औषधियां शुद्ध होती है ।परमात्मा स्वयं वेद में कहते हैं कि " देहि में द़दामि ते " तुम मुझे दो मैं तुम्हें देता हूं। देव और मानव के संबंध में यज्ञ एक माध्यम है। यज्ञ पूरे विश्व का नाभि केंद्र है। श्रीमद्भागवत पुराण में कहा गया है की जो श्रद्धा पूर्वक यज्ञादि द्वारा देव पितर का पूजन करता है वह यज्ञ के प्रताप से अमृत का पान करता है ।अग्नि पुराण में वर्णन आता है कि यज्ञ दान कर्म से संपत्ति और भक्ति दोनों की प्राप्ति होती है। जो हवन किया जाता है वह सीधे भगवान के मुख्य में जाता है। हवन से पापों का नाश होता है ।महाभारत शांति पर्व में कहा गया है कि "यज्ञाय सृष्टानि धनानि धात्रा" ब्रह्मा ने यज्ञ के लिए ही धन बनाया है। यज्ञ और दान करने वाला राजा बनता है यज्ञ से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है‌। यजन ,पूजन ,हवन और भोजन के द्वारा अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों मिलतें हैं ।श्रद्धा से किया हुआ दान और संतोष से लिया हुआ दान कल्याण करता है ।नि:संतान चक्रवर्ती नरेश महाराज दशरथ को यज्ञ के हविष्य के माध्यम से पुत्र राम की प्राप्ति हुई। यज्ञ अनेकता में एकता का भी साधन बनता है सनातन संस्कार निरूपण होता है। परमार्थ के लिए किए गए समस्त कर्म शुभ फल प्रदान करते हैं। देश काल परिस्थिति के अनुसार धर्म की परिभाषाएं प्रायः बदल जाया करती है। श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का ध्वजा रोपण श्री फलाहारी बाबा के सानिध्य में बाराचंवर ब्लाक प्रमुख श्री बृजेंद्र सिंह के हाथों सैकड़ों ग्रामीणों के सन्मुख संपन्न हुआ।इस अवसर पर सियाराम सिंह,देवेन्द्र सिंह, संजय पाण्डेय,दयानन्द कुशबाहा,सुनील कन्नौजिया,मन्नू शर्मा,राजाराम पाण्डेय,बृजेश शर्मा,मनिष सिंह,गुलाब गुप्ता,महेन्द्र राजभर,बृजेश कुशबाहा,हरेराम,रामबचन गुप्ता,अमरनाथ सिंह,आशुतोष सिंह दीपक,सहित सैकड़ो नर नारी मौजूद रहे।

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