Ghazipur विष्णु महायज्ञ के आयोजन के पहले दिन भव्य कलश यात्रा
गाज़ीपुर। खालिसपुर में विष्णु महायज्ञ के आयोजन के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई। महिलाएं सिर पर आगे-आगे कलश लेकर चल रही थीं, तो बैंड बाजे के धुनों पर पीछे श्रद्धालु व संतजन झूमते हुए चल रहे थे। गाज़ीपुर-बलिया मार्ग पर खालिसपुर में विष्णु महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। पहले दिन शहर के चीतनाथ गंगा घाट से यज्ञ स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इससे पूर्व गंगा पूजन हुआ। इस कलश यात्रा में नगर एवं क्षेत्र के बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी लोगों ने सहभागिता की। कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थीं। राम मिलन दास महाराज के नेतृत्व में आयोजित विष्णु महायज्ञ के पहले दिन काफी भीड़ रही। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के उद्देश्य से यह विष्णु महायज्ञ किया जा रहा है। महायज्ञ में ब्राह्मणों की ओर से हवन, पूजन के साथ विभिन्न क्षेत्रों से आए साधु-संतों के श्री मुख से सनातन धर्म संस्कृति के साथ साथ सनातन प्रेमियों को पुराणों का श्रवण करने का सौभाग्य एवं धर्म संस्कृति से संबंधित प्रवचन सुनने का भी शुभ अवसर प्राप्त होगा । विष्णु महायज्ञ का समापन 6नवम्बर को पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ होगा।गाजीपुर
विष्णु महायज्ञ के आयोजन के पहले दिन भव्य कलश यात्रा
गाज़ीपुर। खालिसपुर में विष्णु महायज्ञ के आयोजन के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई। महिलाएं सिर पर आगे-आगे कलश लेकर चल रही थीं, तो बैंड बाजे के धुनों पर पीछे श्रद्धालु व संतजन झूमते हुए चल रहे थे। गाज़ीपुर-बलिया मार्ग पर खालिसपुर में विष्णु महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। पहले दिन शहर के चीतनाथ गंगा घाट से यज्ञ स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इससे पूर्व गंगा पूजन हुआ। इस कलश यात्रा में नगर एवं क्षेत्र के बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी लोगों ने सहभागिता की। कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थीं। राम मिलन दास महाराज के नेतृत्व में आयोजित विष्णु महायज्ञ के पहले दिन काफी भीड़ रही। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के उद्देश्य से यह विष्णु महायज्ञ किया जा रहा है। महायज्ञ में ब्राह्मणों की ओर से हवन, पूजन के साथ विभिन्न क्षेत्रों से आए साधु-संतों के श्री मुख से सनातन धर्म संस्कृति के साथ साथ सनातन प्रेमियों को पुराणों का श्रवण करने का सौभाग्य एवं धर्म संस्कृति से संबंधित प्रवचन सुनने का भी शुभ अवसर प्राप्त होगा । विष्णु महायज्ञ का समापन 6नवम्बर को पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ होगा।