प्रभु केवल निश्चल भाव से प्राप्त होते हैं: परितोष चैतन्य

 




भरौली कला गांव के भगवती मंदिर पर भागवत कथा प्रवचन



गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के भरौली कला गांव में नवरात्र के पावन अवसर पर चल रहे भागवत कथा प्रवचन के दौरान कथावाचक पंडित परितोष चैतन्य जी महाराज प्रभु श्रीकृष्ण के बाललीला पर ऊपर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रभु जन्म के समय से चमत्कार दिखाना शुरू कर दिए। यह चमत्कार प्रभु कंस को अपने अवतार के बारे में जताने तथा आसुरी शक्तियों का नाश करने के लिए शुरू किया। बाल्यावस्था में प्रभु अपने चमत्कार को दिखाते हुए तमाम आसुरी शक्तियां जिसमें अघासुर, बकासुर, पूतना सहित कंस के द्वारा भेजे गए सभी असुरों का संहार किया।

इसी बाल्यावस्था के दौरान प्रभु ओखल लीला, माखन चोरी का लीला किए‌। इसी लीला के दौरान एक बार जब प्रभु गोपी के हाथ पकड़े जाते हैं तो गोपी उन्हें लेकर यशोदा के घर जाती है। लेकिन इसी दौरान वह देखती है कि यशोदा के घर में लाला श्री कृष्ण खड़े हैं और गोपी के हाथ में भी प्रभु। यह परमात्मा का प्रभाव है, परमात्मा को हम जहां ढूंढेंगे, वह हमें वहां दिखाई दे देंगे। हमें सच्चे हृदय मन भाव से प्रभु पर विश्वास रखने की आवश्यकता है।

बाल लीला के दौरान ब्रह्मा जी को भी भ्रम हो गया लेकिन प्रभु ने ब्रह्मा जी के भ्रम को दूर किया। प्रमु को भ्रमित बुद्धि और दिमाग से नहीं भेजा जा सकता, प्रमु को केवल निश्चल भाव व भक्ति से प्राप्त होते हैं।

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