गाजीपुर सीएमओ और आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर का मामला पहुंचा न्यायालय

 



रिपोर्टर: बेलाल अहमद

गाजीपुर। योगी सरकार के शासन में जब पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो आखिरकार मामला न्यायालय तक जा पहुंचा।

 ज्ञात हो कि पीड़ित नीरज यादव निवासी मिरदादपुर, गाजीपुर द्वारा सीएम, डीएम और सीएमओ से लिखित शिकायत 23 मई को विशेश्वरगंज स्थित आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा मरीज रेखा यादव पत्नी नीरज यादव को फर्जी पित्त में पथरी देने की रिपोर्ट की लिखित शिकायती पत्र जिला अधिकारी को दिया गया था।


शिकायती पत्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मेडिकल टीम के समक्ष 6 जून को मरीज का अल्ट्रासाउंड जिला चिकित्सालय में किया गया। जिसमें मरीज के पेट में पथरी का कहीं नामोनिशान तक नहीं मिला। 9 जून को मेडिकल टीम की रिपोट आयी जिसमें कहीं पथरी होने का जिक्र तक नहीं था। 14 जून को मुख्य चिकित्सा

 अधिकारी कार्यालय के द्वारा जारी पत्र में दर्शाया गया कि शिकायतकर्ता के जो भी आरोप आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगाए गए थे वो सत्य पाया गया। वहीं सीएमओ गाजीपुर द्वारा कार्रवाई करने के बजाए आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर पर मेहरबानी करते हुए चेतावनी देकर, हरी झंडी दे दी गई। परेशान होकर पीड़ित ने आज शनिवार को न्यायालय में आरपी डायग्नोस्टिक सेंटर व सीएमओ गाजीपुर पर 156/3 के तहत एडवोकेट नागेन्द्र कुमार ने लिखित शिकायती पत्र दायर किया। पीड़ित ने बताया कि हमारे द्वारा जो भी आरोप आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगाए गए थे। गठित मेडिकल टीम के जांच में सीएमओ कार्यालय से जारी पत्र में सत्य पाया गया। सीएमओ द्वारा चेतावनी देकर आर पी डायग्नोस्टिक सेंटर को कार्रवाई करने की बजाय छोड़ दिया गया। जिससे मुझे न्याय के लिए न्यायालय में गुहार लगानी पड़ी।

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