लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र के 36 सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया स्थगित हो गई है। अब विधानसभा चुनाव का मतदान व मतगणना पूरी होने के बाद एमएलसी की रिक्त हो रही सीटों का चुनाव कराया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद लिया है। एमएलसी चुनाव के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा, चुनाव की अधिसूचना 15 मार्च को जारी होगी, जबकि मतगणना 12 अप्रैल को कराई जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि एमएलसी चुनाव कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। ज्ञात हो कि पहले दो चरणों में तीन व सात मार्च को मतदान कराकर एक साथ 12 मार्च को मतगणना कराई जानी थी। इसीलिए चार फरवरी को पहले चरण की अधिसूचना भी जारी हुई थी लेकिन, इसी बीच राष्ट्रीय व राज्य स्तर के राजनीतिक दलों ने आयोग से अनुरोध किया कि दो चुनाव एक ही समय में होने से परेशानी होगी, क्योंकि स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों का मतदान विधान सभा चुनाव के छठे व सातवें चरण के मतदान वाले दिन ही हो रहा था। आयोग ने इसका संज्ञान लिया। 100 सीटों वाली विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों की 36 सीटें यहां राजनीतिक दलों का गणित बदलती रही हैं। वर्ष 2016 के चुनाव में सपा की 31 सीटें आई थीं। दो सीटों पर पर बसपा जीती थी। रायबरेली से कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह जीते थे। बनारस से बृजेश कुमार सिंह व गाजीपुर से विशाल सिंह 'चंचल' चुने गए थे। दिनेश प्रताप सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा इसमें अधिक से अधिक सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल करना चाहेगी, जबकि सपा अपनी सीटें बचाने में जुटेगी।